बहुत जल्द इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से विश्व के सबसे बडे़ एयरक्राफ्ट ए-380 का व्यावसायिक संचालन भी संभव हो सकेगा। नव निर्माणाधीन टर्मिनल टी-थ्री के खास हिस्से को कुछ इस तरह तैयार किया जा रहा है, जिससे आईजीआई एयरपोर्ट से एयरक्राफ्ट ए-380 का संचालन संभव हो सके। इस खास हिस्से में एयरक्राफ्ट ए-380 के अनुरूप तीन पेयर वाले दो मंजिला एयरोब्रिज सहित नौ सौ यात्रियों से अधिक क्षमता वाला लाउंज तैयार किया जा रहा है।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड का दावा है कि टर्मिनल थ्री से ए-380 का संचालन शुरू होने के बाद आईजीआई विश्व के उन चुनिंदा एयरपोर्ट में शामिल हो जाएगा, जहां से ए-380 का संचालन संभव है। डायल के मुताबिक ए-380 दो मंजिला विमान है। इसमें यात्रियों के प्रवेश एवं निकास के लिए दोनों मंजिलों में अलग अलग द्वार हैं। इन सभी द्वारों से यात्रियों को विमान में भेजने के लिए नव निर्माणाधीन टर्मिनल में नौ विशेष एयरोब्रिज बनाए जा रहे हैं। इनमें से छह एयरोब्रिज टर्मिनल के अंतरराष्ट्रीय भाग एवं तीन एयरोब्रिज टर्मिनल के घरेलू भाग की ओर तैयार किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त एयर साइड में तीन रिमोट स्टैंड तैयार किए जा रहे हैं, जहां पर एयरक्राफ्ट ए-380 को खड़ा किया जा सके। एयरक्राफ्ट से यात्रियों के शीघ्र आगमन एवं निकास के लिए टर्मिनल के एयरोब्रिज में एक साथ तीन गेट बनाए जा रहे हैं। यह गेट विमान के पहली व दूसरी मंजिल में एक साथ लगाए जा सकेंगे। वहीं लगभग 80 मीटर चौड़े एवं 73 मीटर लंबे इस विमान को खड़ा करने के लिए अधिक चौड़े पार्किंग स्टैंड तैयार किए जा रहे हैं। इस विमान की लैंडिंग के बाद अत्यधिक क्षमता वाले ट्रैक्सी वे की जरूरत को देखते हुए आईजीआई एयरपोर्ट पर 15 किलोमीटर लंबा एक नया ट्रैक्सी वे तैयार किया गया है। डायल के अधिकारियों के मुताबिक विश्व के सबसे बडे एयरक्राफ्ट ए-380 में एक साथ करीब साढे आठ सौ यात्री सवार हो सकते हैं। एक विमान में एक साथ इतने अधिक यात्रियों की संख्या को देखते हुए नव निर्माणाधीन टर्मिनल में एक विशेष लांज तैयार किया जा रहा है, जिसमें एक साथ नौ सौ यात्री बैठ सकें। वहीं इस विमान से आने वाले यात्रियों को अपने सामान के लिए ज्यादा इंतजार न करना पडे़, इसके लिए टर्मिनल थ्री में अत्यधिक क्षमता वाली बारह बैगेज बेल्ट लगाई जा रही हैं।
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